बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनुज यादव, नरेश यादव, संदीप यादव और ओपी यादव ने अदालत में पक्ष रखा

वाराणसी। दहेज के लिए एक नवविवाहिता को शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित करने के गंभीर आरोपों का सामना कर रहे सास, ससुर और ननद को वाराणसी की एक अदालत से बड़ी राहत मिली है। विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम तृतीय) पूनम पाठक की अदालत ने तीनों आरोपियों को अग्रिम जमानत दे दी है।

यह मामला शिवपुर थाना क्षेत्र का है, जहां पीड़िता पारुल सिंह ने अपने ससुराल वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी। बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनुज यादव, नरेश यादव, संदीप यादव और ओपी यादव ने अदालत में मजबूती से अपना पक्ष रखा, जिसके बाद कोर्ट ने यह फैसला सुनाया।

क्या हैं पीड़िता के आरोप? अभियोजन पक्ष के अनुसार, पीड़िता पारुल सिंह का विवाह 8 फरवरी, 2023 को मुंबई निवासी शिवम जितेंद्र पाण्डेय के साथ हुआ था। पारुल का आरोप है कि जब वह विदा होकर अपने ससुराल गईं, तो दहेज में उम्मीद से कम पैसे लाने पर ससुराल वाले उन्हें ताना मारने लगे। जल्द ही यह ताने मार-पिटाई और प्रताड़ना में बदल गए। प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि सास पुष्पा पाण्डेय, ससुर जितेंद्र पाण्डेय, ननद शताक्षी पाण्डेय (आस्था) और पति शिवम जितेन्द्र पाण्डेय मिलकर उसे प्रताड़ित करते थे। उसे अक्सर भूखा रखा जाता और छोटी-छोटी बातों पर पीटा जाता था। ससुराल वाले लगातार अपने मायके से 14 लाख रुपए या एक KIA कार लाने का दबाव बना रहे थे।

गर्भवती होने पर गर्भपात का बनाया दबाव पीड़िता ने यह भी आरोप लगाया कि जब वह गर्भवती हुई, तो ससुराल वालों ने उस पर गर्भपात कराने के लिए दबाव डाला। जब उसने ऐसा करने से इनकार कर दिया, तो सभी ने मिलकर उसकी पिटाई की और उसे घर से निकाल दिया। मामले को सुलझाने की कोशिश में, 14 जनवरी, 2024 को पीड़िता की मां, दादा और बड़े पापा उसके ससुराल पहुंचे। उन्होंने अपनी मजबूरियों का हवाला देते हुए ससुराल वालों को तीन लाख रुपए नकद दिए, जिसके बाद पारुल को वापस घर में रहने दिया गया।

पति की महिला मित्र बनी विवाद की नई वजह शांति का यह दौर भी ज्यादा दिन नहीं चला। 14 अगस्त, 2024 को पारुल के दादा, डॉक्टर जय प्रकाश सिंह का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। इसी बीच, पारुल का पति अपनी एक महिला मित्र दीपिका दयाल को घर ले आया और कहा कि वह अब उसी के साथ रहेगा। जब पारुल ने इसका विरोध किया, तो दीपिका ने उसके साथ गाली-गलौज की और जान से मारने की धमकी दी। इसके बाद, 13 अक्टूबर, 2024 को पति ने पारुल को उसके मायके छोड़ दिया, और तब से वह वहीं रह रही है।

अदालत का फैसला दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद, विशेष न्यायाधीश पूनम पाठक की अदालत ने विरार पश्चिम, मुंबई निवासी सास पुष्पा पाण्डेय, ससुर जितेंद्र पाण्डेय और ननद शताक्षी पाण्डेय को राहत दी। अदालत ने तीनों को 50-50 हजार रुपए की दो जमानतें और इतनी ही राशि का बंधपत्र दाखिल करने पर अग्रिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया। इस फैसले से आरोपियों को तत्काल गिरफ्तारी से राहत मिल गई है, हालांकि मामला अभी अदालत में विचाराधीन रहेगा।

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