वाराणसी : पुरानी पेंशन (OPS) की बहाली को लेकर देश भर में चल रहा कर्मचारी आंदोलन थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसी क्रम में आज वाराणसी के कमिश्नरी सभागार में ऑल इंडिया एन.पी.एस. एम्प्लाइज फेडरेशन (AINPSEF), उत्तर प्रदेश के बैनर तले ‘पेंशन संकल्प संगोष्ठी’ का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में प्रदेश भर से जुटे शिक्षक और कर्मचारियों ने एक स्वर में सरकार द्वारा लाई गई नई यूनिफाइड पेंशन योजना (UPS) को अस्वीकार करते हुए पुरानी पेंशन की बहाली तक संघर्ष जारी रखने का संकल्प लिया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष राम लाल यादव ने की, जबकि संचालन वाराणसी मण्डल के अध्यक्ष मृत्यूंजय त्रिपाठी द्वारा किया गया।
UPS कर्मचारी हितैषी नहीं, सरकार करे जरूरी सुधार : डॉ. मंजीत सिंह पटेल
संगोष्ठी के मुख्य अतिथि और फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. मंजीत सिंह पटेल ने कर्मचारियों को संबोधित करते हुए नई पेंशन प्रणाली (NPS) और यूनिफाइड पेंशन योजना (UPS) के बीच के अंतर को विस्तार से समझाया। उन्होंने जोर देकर कहा कि UPS किसी भी दृष्टिकोण से कर्मचारी के हितों की रक्षा नहीं करती है। उन्होंने सरकार के समक्ष तीन प्रमुख मांगें रखते हुए कहा, “हम यह मांग करते हैं कि पहली, कर्मचारी को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) के दिन से ही पेंशन मिलनी शुरू हो। दूसरी, 50% पेंशन की गणना के लिए 25 वर्ष की सेवा की शर्त को घटाकर 20 वर्ष किया जाए। और तीसरी सबसे महत्वपूर्ण मांग यह है कि NPS के तहत जमा हमारी पूरी राशि सरकार हमें ब्याज सहित वापस करे।”
उन्होंने कहा कि इन सुधारों के बिना UPS को स्वीकार करना कर्मचारियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ होगा और यह लड़ाई स्वाभिमान की है जिसे हर हाल में जीता जाएगा।
UPS भविष्य से धोखा, स्कूलों का विलय RTE का उल्लंघन : अंकुर त्रिपाठी ‘विमुक्त’
फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष अंकुर त्रिपाठी ‘विमुक्त’ ने अपने संबोधन में कहा, “पुरानी पेंशन हमारा संवैधानिक हक है और हम इसे लेकर रहेंगे। NPS और अब UPS, दोनों ही योजनाएं कर्मचारियों के भविष्य के साथ एक बड़ा धोखा हैं, जिसे अब और बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
इसके साथ ही उन्होंने उत्तर प्रदेश में प्राथमिक विद्यालयों के विलय के मुद्दे को भी जोर-शोर से उठाया। उन्होंने कहा, “प्रदेश में प्राथमिक विद्यालयों का मर्जर न सिर्फ शिक्षा के अधिकार (RTE) कानून का खुला उल्लंघन है, बल्कि यह ग्रामीण और गरीब बच्चों के शिक्षा प्राप्त करने के मौलिक अधिकार पर सीधा हमला है। AINPSEF इन दोनों जन-विरोधी नीतियों के खिलाफ पूरी ताकत से आवाज उठाएगा और एक निर्णायक संघर्ष करेगा।”
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे राम लाल यादव ने सभी शिक्षक-कर्मचारी संगठनों से एकजुट होकर एक मंच पर आने का आह्वान किया ताकि केंद्र सरकार पर पुरानी पेंशन बहाली के लिए निर्णायक दबाव बनाया जा सके।
इस संगोष्ठी में मुख्य रूप से पदमनाथ त्रिवेदी (प्रदेश अध्यक्ष, मिनिस्टीरियल एसोसिएशन, पी०डब्ल्यू०डी०), बसंत लाल गौतम (प्रदेश अध्यक्ष, उ०प्र० पंचायती राज सफाई कर्मचारी संघ), तरुण भोला, उमेश चन्द्र श्रीवास्तव, गौरव सिंह पिंचू, प्रदीप सरल, कृष्ण अमित भटनागर सहित कई अन्य पदाधिकारी और बड़ी संख्या में कर्मचारी उपस्थित रहे। सभी ने एकजुट होकर पुरानी पेंशन बहाली तक संघर्ष को जारी रखने का प्रण लिया।





