पीएनयू क्लब का विवादों से है पुराना नाता, क्लब बना घोटालेबाजो का अड्डा

एक बार फिर क्लब की प्रबंध समिति को रजिस्ट्रार ने किया कालातीत घोषित, पत्रकारवार्ता कर पूर्व पदाधिकारियों ने लगाये कालातीत हुये प्रबंध समिति के लोगों पर तमाम आरोप
विनय यादव
वाराणसी। जनपद में स्थित है एक प्रतिष्ठित क्लब जिसका नाम है प्रभु नारायण यूनियन क्लब (पीएनयू क्लब) जो एक बार फिर सुर्खियों में है। बताते चले कि पीएनयू क्लब का सम्बन्ध विवादों से विगत कई वर्षों से है, जिसका मुख्य कारण है इस क्लब के कुछ पूर्व व वर्तमान पदाधिकारीगण। जिन्होने इस क्लब को अपने अय्याशी व अवैध कमाई का अड्डा बना रखा है। जहां लाखों रूपये के घोटाले के एक नहीं, बल्कि कई मामले देखने का मिल सकते है। बताते चले कि इस क्लब में विवादों का दौर तब से शुरू हुआ, जब इस क्लब के अध्यक्ष मंगल सोनी हुआ करते थे।
उनके बाद कई पदाधिकारी आये और चले गये, परन्तु इस क्लब में विवाद खत्म नहीं हुआ। वहीं ज्ञात हो कि बीते कुछ सालों पूर्व इसी क्लब में एक कार्यक्रम के दौरान गोली बारी की घटना को भी अंजाम दिया जा चुका है। जिसका वाद शायद अभी भी न्यायालय में विचाराधीन है। वहीं यदि बात करें तो क्लब के कुछ सदस्यों ने अपना नाम प्रकाशित न करने की शर्त पर बताया कि इस क्लब के पदाधिकारी व सदस्य दो ग्रुपों में बंटे हुये है, जो अपना-अपना कानून बनाते है और क्लब की मान मर्यादा को धूमिल करने का कार्य करते है।
वहीं आगे बताया कि इस क्लब में कुछ ऐसे भी सदस्य है जिनसे सदस्यता शुल्क तो जमा करा लिया गया है, परन्तु शुल्क जमा करने वाले लोगों को सदस्यता अभी तक नहीं दी गयी है। अब यदि बात करें तो जिला प्रशासन को चाहिये कि जल्द से जल्द इस क्लब का पंजीयन रद्द कर, तत्काल प्रभाव से इस क्लब को अपने संरक्षण में लेकर इस क्लब का संचालन कराये, अन्यथा वह दिन दूर नहीं जब दो खेमे में बंटे इस क्लब में कोई भी अप्रिय घटना घटित होने से कोई रोक नहीं पायेगा।
अब यदि बात करें तो दिनांक 3/5/2025 को द प्रभु नारायण यूनियन क्लब के कई पूर्व पदाधिकारियों द्वारा एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की गयी। जिसमे बताया गया कि अध्यक्ष अनिल लालवानी ने कुछ अन्य सदस्यों के साथ मिलकर पूर्व घोषित चुनाव कार्यक्रम के विपरीत दिनांक 19/3/2025 को सचिव व अन्य बोर्ड मेंबर्स को सूचना दिए बिना एक प्रबंध समिति की मीटिंग दिखाते हुए दिनांक 22/5/2025 व 23/5/2025 को नामांकन व 30/5/2025 को चुनाव की घोषणा कर दी जो की क्लब के संविधान के खिलाफ थी। क्योंकि संविधान के अनुसार प्रबंध समिति की बैठक में सचिव का होना आवश्यक है एवं सचिव द्वारा ही एजेंडा तैयार किया जाता है।
यही नहीं इनके द्वारा क्लब के सभी सदस्यों को सूचित किये बिना एक साजिश के तहत सिर्फ अपने लोगो का नामांकन करा कर उन्हें निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिया, जिसकी शिकायत सचिव धर्मेंद्र मिश्रा व अन्य कार्यकारिणी सदस्य एवं कई पूर्व पदाधिकारियों व अन्य सदस्यों ने भी सहायक निबंधक से की। जिस पर सहायक निबंधक ने दो बार नोटिस जारी कर सभी से साक्ष्य मांगे और सुनवाई का कई अवसर देने के बाद दिनांक 30/4/2025 को जारी अपने आदेश में स्पस्ट रूप से लिखा है कि “दिनांक 19/3/2025 की बैठक सायं 8 बजे होना दर्शाया गया है।
उक्त बैठक में बिमल कुमार त्रिपाठी को मुख्य चुनाव अधिकारी एवं रवि प्रकाश जायसवाल को सहचुनाव अधिकारी के रूप में नियुक्त किया जाना दर्शाया गया है। जिस पर दिनांक 19/3/2025 को ही चुनाव अधिकारियों को पत्र प्रेषित किया जाना एवं दिनांक 19/3/2025 को ही उनकी सहमति प्राप्त किया जाना दर्शाया गया है। यहाँ यह महत्वपूर्ण है कि यदि प्रबंध समिति की बैठक सायं 8 बजे आयोजित की गयी तो उक्त बैठक समाप्त होने के बाद कब चुनाव अधिकारियों को पत्र प्रेषित किया गया तथा कब उनकी सहमति प्राप्त की गयी यह प्रश्नवाचक है।
चुनाव अधिकारीयों द्वारा सहमति दिए जाने के उपरांत दिनांक 21/3/2025 को अपने हस्ताक्षर से चुनाव कार्यक्रम जारी करना दर्शाया गया है। जिसमे नामांकन की तिथि दिनांक 22 एवं 23 मार्च नामांकन वापसी दिनांक 24 मार्च तथा मतदान एवं मतगणना दिनांक 30 मार्च को कराये जाने का कार्यक्रम जारी किया गया है, किन्तु यह स्पस्ट नहीं किया जा सका कि किन परिस्थितियों में दिनांक 21/3/2025 को कार्यक्रम जारी कर नामांकन हेतु दिनांक 22/3/2025 एवं 23/3/2025 की तिथि तय की गयी।
उक्त कार्यक्रम की सूचना समय रहते साधारण सभा की 835 सदस्यों को किस प्रकार एवं किस माध्यम से दी गयी, यह भी स्पस्ट नहीं किया जा सका। उक्त कार्यक्रम समबन्धी सूचना को समाचार पत्र में नामांकन की तिथि को प्रकाशित कराया गया है। यह भी महत्वपूर्ण है कि साधारण सभा के सदस्यों को कूरियर द्वारा सूचना प्रेषित किये जाने की बात कही की गयी है। जिसका अवलोकन करने पर यह पाया गया कि चुनाव कार्यक्रम की सूचना कूरियर कंपनी को दिनांक 21/3/2025 को प्राप्त करायी गयी तथा 835 सदस्यों में से दिनांक 24/3/2025 नामांकन तिथि समाप्त होने तक मात्र 300 सदस्यों को ही सूचना प्राप्त हुई। ऐसी स्थिति में निष्पक्ष चुनाव हेतु सदस्यों को सूचना प्रेषित किया जाना संदेहास्पद प्रतीत होता है।
चुनाव अधिकारीयों द्वारा यह कहा गया कि प्रत्येक पद के सापेक्ष मात्र एक नामांकन प्राप्त होने के कारण निर्विरोध निर्वाचन सम्पन्न हुआ है। जबकि कई सदस्यों द्वारा यह कहा गया कि जब एक चुनाव कार्यक्रम दिनांक 06/4/2025 के लिए घोषित था तो चुनाव कार्यक्रम में परिवर्तन की सूचना नामांकन के मात्र एक दिन पूर्व क्यों प्रेषित की गयी?
इसी कारण नामांकन की तिथि समाप्त होने तक अधिकांश सदस्यों को चुनाव कार्यक्रम की जानकारी ही नहीं हो पाई। नामांकन के मात्र एक दिन पूर्व सूचना क्यों प्रेषित की गयी इसका कोई संतोषजनक स्पस्टीकरण प्रस्तुत नहीं किया जा सका। साधारण सभा के सदस्यों को सूचित किये बिना निर्विरोध निर्वाचन दर्शाया जाना विधि सम्मत नहीं माना जा सकता तथा द्वेषपूर्ण कार्यवाही का द्योतक है।
उपरोक्त विवेचित परिस्थितियों एवं साक्ष्यों के दृष्टिगत उभय पक्षों द्वारा चुनाव के सम्बन्ध में की गयी कार्रवाहियां विधि सम्मत नहीं पाए जाने के कारण निरस्त किये जाने योग्य है। अतः निरस्त की जाती है। दोनों चुनाव कार्यवाहियां निरस्त किये जाने की स्थिति में संस्था की प्रबंध समिति वर्तमान में कालातीत घोषित की जाती है।”
वहीं पत्रकारवार्ता कर रहे पूर्व पदाधिकारियों ने बताया कि यह पूरी कार्यवाही क्लब से 80 लाख के गबन के आरोपी कुमार सौरभ का क्लब से निष्कासन रद्द कर उसे पुनः ऐन केन प्रकरेण से सचिव बनाने के लिए की गयी, जबकि सच्चाई यह है कि आज तक किसी भी न्यायालय से कुमार सौरभ को क्लीन चीट नहीं मिली है और ना ही वह आज तक सही से अपने सत्र का हिसाब ही दे पाए हैं। जिला जज के यहाँ से कुमार सौरभ की अग्रिम जमानत याचिका खारिज हो चुकी है और माननीय उच्च न्यायलय में विचाराधीन है।
यही नही सहायक निबंधक द्वारा बिना मान्यता मिले और सचिव धर्मेंद्र मिश्रा द्वारा बिना चार्ज हस्तांतरण किये ही कुमार सौरभ द्वारा क्लब से जबरन लाखों रुपये लेकर खर्च भी कर दिया गया है। जिसकी जाँच कर कानूनी कार्यवाही की जाएगी। पत्रकारवार्ता मैं मुख्य रूप से पांच पूर्व अध्यक्ष रमेश कुमार गिनोडिया, अनुज डिडवानिया, अशोक वर्मा, अम्बुज किशोर व अशोक खन्ना शामिल रहे। इनके अतिरिक्त अन्य काफी संख्या में सदस्य गण मौजूद रहे।


