सिंधी समाज के पंचायतों ने गौरक्षा आंदोलन हेतु स्वयं को किया समर्पित

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देश विदेश में बसे सिंधी समाज के गोसेवा अभियान से जुड़ने सम्बन्धी पुस्तिका का हुआ विमोचन


वाराणसी। ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज द्वारा गौमाता के प्राणों के रक्षा हेतु व उनको राष्ट्रमाता घोषित कराने हेतु चलाए जा रहे गौमाता राष्ट्र माता प्रतिष्ठा आंदोलन हेतु सिंधी समाज के पंचायतों ने सिंधी समाज के सुविख्यात धर्मगुरु साईं जलकुमार मसंद साहिब के नेतृत्व में स्वयं को समर्पित कर दिया। इस बाबत सिंधी समाज के धर्मगुरु साईं जलकुमार मसंद साहिब ने केदारघाट में स्थित श्री विद्यामठ में उद्घोषणा की जिस दौरान सिंधी समाज के पंचायतों के विभिन्न धर्मगुरु व मुखिया उपस्थित थे।

कार्यक्रम में उपस्थित सिंधी समाज के समस्त लोगों ने साथ ही देश विदेश में रह रहे समस्त सिंधी समाज के लोगों को शंकराचार्य के गौरक्षा अभियान से जोड़ने का संकल्प लिया। श्री विद्यामठ में आहूत सिंधी समाज के इस आयोजन के दौरान उपस्थित सिंधी समाज के लोगों को आर्शीवचन प्रदान करते हुए ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य ने कहा कि आज हम लोग गौमाता के प्रतिष्ठा के संदर्भ में चिंतन कर रहे हैं। जिस प्रकार प्राण प्रतिष्ठा के पूर्व व पश्चात किसी मन्दिर में उल्लेखनीय अंतर आ जाता है ठीक उसी प्रकार गौमाता को राष्ट्र माता के रूप में प्रतिष्ठित कराने के बाद उनके स्थिति में अंतर आ जाएगा।

अलग-अलग मंदिरों में अलग-अलग देवी देवताओं के विग्रह प्रतिष्ठित हैं, लेकिन किसी भी मंदिर में 33 कोटि देवी देवता प्रतिष्ठित नही हैं। लेकिन हमारे पूर्वजों ने गौमाता में 33 कोटि देवी देवताओं की प्रतिष्ठा की। इसलिए आज भी हमारे घरों में पहली रोटी गाय को समर्पित कर यह माना जाता है कि 33 कोटि देवी देवताओं को भोग लग गया। हमें देशी नस्ल के गायों की पहचान कर अपनी आने वाली पीढ़ियों हेतु उनकी रक्षा करनी होगी।

आयोजन की अध्यक्षता करते हुए सिंधी समाज के धर्मगुरु साईं जलकुमार मसंद साहिब ने कहा कि हमारा पीठ 400 वर्ष से सिंधी समाज का कुलगुरु है और हम जब शंकराचार्य जी महाराज को और उनके द्वारा किए जा रहे धर्मकार्यों को देखते हैं तो प्रत्यक्ष अनुभव होता है कि ईश्वर ने शंकराचार्य जी महाराज को अपने प्रतिनिधि के रूप में हम सबके मध्य भेजा है, और महाराज जी द्वारा धर्म रक्षा हेतु अनेक कार्यों के साथ गौमाता के प्राणों की रक्षा हेतु चलाए जा रहे आंदोलन से यह बात सिद्ध भी हो जाती है और आज संकल्प पूर्वक हम समस्त सिंधी समाज के लोग शंकराचार्य जी के गौरक्षा आंदोलन प्रति स्वयं समर्पित कर रहे हैं और आजीवन शंकराचार्य जी के समस्त धर्म कार्यों में बढ़ चढ़कर अपनी सहभागिता सुनिश्चित करेंगे।

कार्यक्रम के दौरान शंकराचार्य महाराज ने सिंधी धर्म गुरु साईं जलकुमार मसंद साहिब द्वारा रचित गौ प्रतिष्ठा अभियान नामक पुस्तिका का विमोचन भी किया। कार्यक्रम के प्रारंभ में अनिरुद्ध मिश्रा ने वैदिक मंगलाचरण और कृष्ण कुमार द्विवेदी ने पौराणिक मंगलाचरण का वाचन किया। श्रीप्रकाश पाण्डेय ने ‘नैया फंसी भंवर में सूझे नही किनारा गुरुवर तेरा सहारा’ भजन सुनाकर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। अतिथियों का स्वागत व आभार अभिभाषण शंकराचार्य के मीडिया प्रभारी संजय पाण्डेय ने किया।

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