लज्जा भंग व आपराधिक धमकी के आरोपी को मिली अग्रिम जमानत

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अदालत में बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ फौजदारी अधिवक्ता हरिशंकर सिंह की दलीलों को स्वीकार करते हुए मनोज कुमार जैन को अग्रिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया

वाराणसी। अपर सत्र न्यायालय की न्यायाधीश पूनम पाठक की अदालत ने सारनाथ थाने में दर्ज छेड़छाड़,जानबूझकर अपमान करना और आपराधिक धमकी के तहत अभियुक्त मनोज कुमार जैन को अग्रिम जमानत दे दी है। बता दें कि माननीय न्यायधीश द्वारा अब तक का प्रथम अग्रिम आदेश दिया गया है।

अदालत में बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ फौजदारी अधिवक्ता हरिशंकर सिंह की दलीलों को स्वीकार करते हुए मनोज कुमार जैन को अग्रिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया।

बता दें कि वादिनि पूनम प्रजापति द्वारा पुलिस कमिश्नरेट वाराणसी को एक प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया था। वादिनी के अनुसार, उनकी शादी 07 दिसंबर 2015 को सुनील प्रजापति से हुई थी। शादी के बाद उन्हें ससुराल में लगातार प्रताड़ित किया जा रहा था। वादिनी का आरोप है कि उनके ससुराल वाले, जिनमें उनके ननदोई मनोज कुमार जैन भी शामिल हैं, दहेज की मांग कर रहे थे।

वे उनसे एक हीरो होंडा गाड़ी और एक लाख रुपये नकद लाने के लिए दबाव डाल रहे थे। शिकायत में यह भी कहा गया है कि ससुराल वाले वादिनी को गालियां देते थे और जान से मारने की धमकी देते थे। एक घटना में, वादिनी को जला भी दिया गया था, जिसका इलाज एक स्थानीय डॉक्टर मनोज कुमार जायसवाल के यहाँ हुआ था।

वादिनी ने आरोप लगाया है कि उनके 8 वर्षीय बेटे, जो हिमालयन पब्लिक एकेडमी में कक्षा 2 में पढ़ता है, की स्कूल फीस भी ससुराल वाले नहीं देते हैं।

वादिनी ने अपनी शिकायत में यह भी बताया था कि सारनाथ पुलिस थाने द्वारा उनकी रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई थी, जबकि उनके अनुसार, अभियुक्तों के खिलाफ धारा 498ए आईपीसी (दहेज उत्पीड़न) और 3/4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम के तहत अपराध बनता है। इस मामले में अब मनोज कुमार जैन को अग्रिम जमानत मिल गई है, जबकि मामले की आगे की कानूनी प्रक्रिया जारी रहेगी।

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