वाराणसी के चर्चित गैंगरेप मामले में पीड़िता की सहेली ने खोला राज

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मामले में 11 आरोपितों की हो चुकी है गिरफ्तारी, अज्ञात में भी दर्ज हैं मुकदमे, पुलिस कमिश्नर ने गठित किया है एसआईटी, हो रही जांच, आरोपियों के परिजन पहुंचे प्रधानमंत्री कार्यालय, सौंपा ज्ञापन


वाराणसी। जनपद के चर्चित गैंगरेप मामले में मंगलवार को आरोपियों के परिजनों और उनके परिचित जुलूस के साथ प्रधानमंत्री के संसदीय कार्यालय पहुंचे। वहीं हाथों में नारों से लिखी तख्तियां लेकर पहुंचे थे। इस दौरान कार्यालय के बाहर पुलिस व्यवस्था भी चुस्त दुरूस्त थी। आरोपितों के परिजनों ने पीड़िता और आरोपितों से सम्बंधित ऑडियो, वीडियो और लोकेशन से सम्बंधित साक्ष्य सौंपा हैं।

बताते चले कि आरोपियों के परिजनों के द्वारा पुलिस कमिश्नर को भी साक्ष्य सौंपा गया था। जिसके बाद पुलिस कमिश्नर के द्वारा टीम गठित कर एसआईटी जांच करायी जा रही है। वहीं इस प्रकरण में एक और नया मोड़ आ गया है। बताते चले कि पीड़िता कथित गैंगरेप अवधि के दौरान जिस सहेली के घर पर रही थी, उस सहेली ने भी सहायक पुलिस आयुक्त भेलूपुर डा. इशान सोनी से भी मुलाकात किया। जहां उसके द्वारा प्रार्थना पत्र सौंपा गया और मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की। उसके बाद उसने मीडिया से बातचीत की।

जहां उसने बताया कि पीड़िता ने उसके भाई को भी मुकदमे में फंसा दिया है। क्योंकि वह मेरे भाई से शादी का दबाव बना रही थी। वह दस लड़कों से बात करती थी इसलिए मेरे भाई ने उससे शादी से इन्कार कर दिया। इसी रंजिश में उसने मेरे भाई राज विश्वकर्मा को फंसा दिया है।

सहेली ने कहाकि वह उन लोगों से पैसे ले चुकी थी, इसलिए उनका नाम नही लिया। जबकि पुलिस के बयान में उनके नाम लिये थे। सहेली ने बताया कि वह मेरे साथ नही पढ़ती थी। इंस्टाग्राम के जरिए उसका उससे सम्पर्क हुआ। वह उसे फोन करती थी कि मुझे घूमने और डांस का शौक है। कथित घटना के दौरान जब वह मेरे यहां आई तो सही सलामत थी। देखने से ऐसा कुछ नही लगा कि उसके साथ कुछ हुआ है।

इसके अलावा वह दो और तीन अप्रैल को अपने एक दोस्त युवक के साथ मेरे यहां आई थी। उसके साथ बाहर गई और उससे अपने लिए कपड़े खरीदवाए। सहेली ने बताया कि मुकदमा दर्ज कराने के बाद भी वह मुझसे फोन पर सम्पर्क करना चाहती है। वह मुझसे कह रही है कि मुझे मॉल में तुम्हारे फोन से लिये गये मेरे फोटो मुझे दे दो। चार अप्रैल को जब पुलिस ने उसे उसकी सहेली के घर से बरामद किया तो वह वहां खाना खाकर आराम से सोयी थी।

इधर, आरोपितों की ओर से प्रधानमंत्री के संसदीय कार्यालय में दिये गये ज्ञापन में कहा गया है कि युवती की बरामदगी के 48 घंटे बाद 6 अप्रैल को एफआईआर दर्ज कराई गई। पीडिता ने 30 मार्च को समीर नामक व्यक्ति को अपने दोस्त के साथ बाइक पर ले जाकर हाइवे पर दुष्कर्म की बात कही गई जो सम्भव नही है। फिर इसके बाद 31 मार्च को पीड़िता का दानिश, आयुष और सुहैल के साथ कंटिनेंटल कैफे की तरफ हंसी-खुशी जाने के वीडियो की भी जांच कराई जाय।

इसके अलावा पीड़िता ने दो अप्रैल को अपने इंस्टाग्राम एकाउंट पर खुद पोस्ट और फोटो अपलोड किये हैं। इसमें वह स्वस्थ्य और खुश दिख रही है। जबकि उसने 29 मार्च से 3 अप्रैल तक अपने साथ दुष्कर्म की बात एफआईआर में कही है। यही नही आरोपितों के परिजनों ने पीड़िता से सम्बंधित वीडियो और इंस्टाग्राम स्क्रीन शॉट, आडियो पेन ड्राइव में दिया है।

ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि गलत तथ्यों के आधार पर मीडिया और सोशल मीडिया में मामले को तोड़-मरोड़ कर परोसा जा रहा है। इस तरह से हम लोगों का शोषण और मीडिया ट्रायल हो रहा है। इसके अलावा उन्होंने युवती से जुड़े कई और तथ्यों को ज्ञापन में शामिल किया है।

मीडिया के जरिए पता चला कि पकड़े गये आरोपितों के फोन में सैकड़ों लड़कियों के नग्न फोटो मिले हैं। जबकि यह बात निराधार है। उनका कहना है कि पुलिस को ऐसे फोटो नही मिले हैं। उन्होंने बताया कि मामले की विवेचना किसी अन्य शाखा से कराई जाय। ताकि किसी निर्दोष के साथ अन्याय न हो। इसके साथ ही फिर आरोप लगा कि वादिनी द्वारा मुकदमा का भय दिखाकर अनुचित मांगें की गई हैं, इसकी भी गहनता से जांच करायी जाय।

गौरतलब है कि पिछले 29 मार्च को पीड़िता घर से निकली और इसके बाद से गायब हो गई। चार अप्रैल को परिजनों ने पुलिस में मुकदमा दर्ज कराया। इसके बाद पुलिस ने पीड़िता को उसी के घर से कुछ दूर उसी की सहेली के घर से बरामद किया था।

पुलिस को दिये गये बयान में पीड़िता ने उसके साथ गैंगरेप में 23 लोगों शामिल होने का आरोप लगाया था। मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस अब तक 14 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।

परिजनों ने पीड़िता 29 मार्च को लापता हो गई थी तो चार अप्रैल तक स्वजन ने पुलिस को सूचना क्यों नहीं दी? युवती को पुलिस ने चार अप्रैल को सहेली के घर से बरामद किया, तो उसने दुष्कर्म की बात क्यों नही बतायी? पीड़िता ने जिन सात दिनों में दुष्कर्म की बात की उस दौरान वह दो बार सहेली के घर पर रही फिर भी उसे कुछ क्यों नहीं बताया? सहेली के घर से पीड़िता का घर पांच सौ मीटर की दूरी पर है फिर भी वह अपने घर क्यों नहीं गयी? युवती के साथ 23 लोगों में दुष्कर्म किया तो शरीर पर चोट के निशान क्यों नहीं हैं? जैसे तमाम सवाल खड़े किये है।

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