उत्तर प्रदेश के बागपत जिले से एक बेहद दुखद और दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। जहां ‘सात जन्मों तक साथ निभाने’ का वादा करने वाले रिश्ते ने एक महिला की जान ले ली। शादी के महज दो साल बाद पति द्वारा तलाक मांगने से आहत मनीषा (24) ने मंगलवार रात कीटनाशक निगलकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। यह घटना बागपत के रठौड़ा गांव की है, जिसने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है।

बुधवार सुबह जब मनीषा के परिजनों को उसका शव घर में पड़ा मिला, तो मानो उन पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है। लेकिन इस मामले को और भी ज्यादा दर्दनाक बनाता है वो सच, जो मनीषा ने अपनी मौत से पहले अपने शरीर पर लिख दिया था।

हाथों-पैरों पर लिखी दर्द भरी ‘सुसाइड नोट’

मरने से पहले मनीषा ने अपने हाथों और पैरों पर अपनी आपबीती लिखी। यह कोई साधारण सुसाइड नोट नहीं था, बल्कि शादी के बाद से उसने जो भी पीड़ा झेली थी, उसका एक-एक शब्द उसने अपने शरीर पर उकेरा था। उसने साफ-साफ लिखा कि “मेरी मौत के जिम्मेदार पति, सास, ससुर और दो देवर हैं, जो रठौड़ा आकर मेरे पूरे परिवार को खत्म करने की धमकी देकर गए हैं।”

इन शब्दों में उसका दर्द साफ झलक रहा था। उसने लिखा कि उसके पति ने उसे बेरहमी से पीटा, कमरे में कई दिनों तक भूखा रखा, और तो और दहेज की मांग पूरी न होने पर गोलियां खिलाकर उसका गर्भपात तक करा दिया। गांव में हुई पंचायत में भी पति ने उसे जान से मारने की धमकी दी और गांव वालों के सामने उसके परिवार की बेइज्जती कर तलाक के लिए दबाव डाला।

दहेज की आग में झुलसती एक शादी

मनीषा के भाई विवेक ने बताया कि 2023 में मनीषा की शादी गाजियाबाद के सिद्धिपुर में हुई थी। दहेज में बुलेट बाइक दी गई थी, लेकिन ससुराल वालों की मांग यहीं खत्म नहीं हुई। वे लगातार थार गाड़ी और लाखों रुपयों की मांग करने लगे। आरोप है कि दहेज न मिलने पर मनीषा को उसका पति शराब पीकर कमरे में बंद करके पीटता था।

विवेक ने बताया कि शादी के पांच महीने बाद ही मनीषा को अपनी बहन के साथ वापस रठौड़ा आना पड़ा था। गांव और समाज के लोगों की दो बार पंचायत भी हुई और समझौता भी हुआ, लेकिन मनीषा का उत्पीड़न बंद नहीं हुआ।

मनीषा के पिता, गाजियाबाद एमसीडी कर्मी तेजवीर ने बताया कि जुलाई 2024 में वे अपनी बेटी को मायके ले आए थे। चार दिन पहले ससुराल पक्ष के लोगों के साथ फिर से बातचीत हुई थी। पंचायत में रिश्तेदारों और अन्य लोगों की मौजूदगी में दोनों पक्षों में तलाक पर सहमति बन गई थी। लेकिन जब पति ने मनीषा से तलाक के कागजों पर हस्ताक्षर करने को कहा, तो उसने मना कर दिया। बस तभी से मनीषा उदास रहने लगी थी।

रात के अंधेरे में बुझ गई एक जिंदगी

मंगलवार देर रात, जब मनीषा के माता-पिता, भाई और बाबा सो रहे थे, उसने फसलों में डालने के लिए रखे कीटनाशक को निगल लिया। बुधवार सुबह परिवार वालों को मनीषा का शव पड़ा मिला, और उनके पैरों तले जमीन खिसक गई।

पुलिस को सूचना दी गई। फोरेंसिक टीम ने घटनास्थल की जांच की और ग्रामीणों से भी पूछताछ की। एसपी सूरज कुमार राय ने बताया, “मनीषा के शरीर पर सुसाइड नोट लिखा हुआ था और उसने ससुराल वालों के उत्पीड़न के बारे में काफी कुछ लिखा है। मामले में जांच की जा रही है और शिकायत के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।”

मनीषा चार भाई-बहनों में तीसरे नंबर पर थी। उसका बड़ा भाई विवेक शादीशुदा है, जबकि दो छोटे भाई अविवाहित हैं। एक हंसती-खेलती जिंदगी दहेज की लालच और ससुराल के उत्पीड़न की भेंट चढ़ गई। यह घटना एक बार फिर समाज में दहेज जैसी कुप्रथा के खिलाफ सोचने पर मजबूर करती है, और उन परिवारों को चेतावनी देती है जो अपने ही घर की बहू-बेटियों को प्रताड़ित करते हैं।

यह घटना वाकई मार्मिक है। हम आशा करते हैं कि यह लेख मनीषा को न्याय दिलाने में मदद करेगा और समाज में ऐसे अपराधों के खिलाफ जागरूकता बढ़ाएगा।

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