वाराणसी : उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में सिविल लाइंस इलाके की जामिया उर्दू रोड पर सोमवार दोपहर एक सनसनीखेज हमला हुआ। स्कूटी सवार बिल्डर जुल्फिकार उर्फ लाडले खां (48) पर बाइक सवार हमलावरों ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दीं, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए। इस मामले में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दो आरोपियों को हिरासत में लिया है, जिनसे पूछताछ के बाद हमले के पीछे का चौंकाने वाला खुलासा हुआ है।

प्रेमिका से दोस्ती का शक, पुरानी रंजिश बनी जानलेवा

पुलिस की पूछताछ में मुख्य आरोपी आदम ने बताया कि उसने बिल्डर लाडले खां पर यह हमला अपनी प्रेमिका से लाडले की बढ़ती दोस्ती के शक में किया। सीओ तृतीय सर्वम सिंह ने जानकारी दी कि हिरासत में लिए गए आरोपी आदम और वसीम से पूछताछ में यह बात सामने आई है कि आदम की प्रेमिका काम के सिलसिले में लाडले के घर आती-जाती थी, और लाडले ने उसे रहने के लिए ठिकाना भी दे रखा था। आदम को संदेह था कि लाडले और उसकी प्रेमिका के बीच संबंध बढ़ रहे हैं, और लाडले उसकी प्रेमिका के मेल-जोल पर भी रोकटोक करता था। इसी संदेह के कारण करीब दो साल पहले उनके बीच दुश्मनी की नींव पड़ी थी।

पहले भी हुए थे हमले, पुलिस जांच में खुले कई राज

यह पहली बार नहीं था जब लाडले पर हमला हुआ। आदम ने पूछताछ में खुलासा किया कि करीब डेढ़ दशक पहले भी उसने एसपी सिटी आवास के सामने लाडले पर हमला किया था। हाल ही में, इसी रंजिश के चलते आदम ने खुद पर जीवनगढ़ इलाके में फायरिंग का आरोप लगाया था और लाडले पर मुकदमा दर्ज कराया था। हालांकि, पुलिस जांच में यह मुकदमा झूठा पाया गया और पुलिस ने इसे खारिज कर दिया।

इसके बाद, लगभग एक साल पहले लाडले और उनके भाई पर एसपी सिटी आवास के सामने लालडिग्गी रोड पर फायरिंग हुई थी, जिसमें वे दोनों बाल-बाल बच गए थे। उस घटना में भी पुलिस ने आदम को ही जेल भेजा था। लाडले के भाई शहजी ने सोमवार को हुए हमले के बाद दर्ज कराई गई एफआईआर में भी इन पुरानी घटनाओं का जिक्र किया है।

हमलावर समझे थे लाडले मर गया

आदम ने स्वीकार किया है कि उसी पुरानी रंजिश में सोमवार को उसने लाडले पर हत्या के इरादे से फायरिंग की। वह उसे मरा हुआ समझकर ही वहां से हवाई फायरिंग करते हुए भागा। आदम ने बताया कि उसके मन में लाडले के प्रति बेहद गुस्सा था। वह कई दिनों से लाडले पर नज़र रख रहा था और उसे अकेले में मिलने का इंतज़ार कर रहा था। नमाज़ पढ़कर जाते समय जब उसे अकेला पाकर मौका मिला, तो उसने बिल्डर को चार गोलियां मार दीं।

सीसीटीवी फुटेज से पकड़े गए हमलावर

घटना के बाद पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगाले। एएमयू सर्किल के एक सीसीटीवी में बुलट बाइक पर सवार दो हमलावर चिह्नित हुए, जिनकी पहचान आदम और वसीम के रूप में हुई। घटना से कुछ कदम पहले दोनों ने अपने चेहरे पर मास्क लगाए हुए थे, जबकि फायरिंग के बाद उनके मास्क उतर गए थे, जिससे उनकी पहचान आसान हो गई।

हमले का खौफनाक मंज़र

बिल्डर जुल्फिकार उर्फ लाडले खां (48) मूल रूप से छर्रा कोठी मोहल्ला के निवासी हैं और पेशे से बिल्डर हैं। वह परिवार के साथ सिविल लाइंस क्षेत्र के मेडिकल रोड पर स्थित रिफा पैलेस में रहते हैं। उनकी जकरिया मार्केट पर दवा की दुकान भी है। सोमवार दोपहर करीब 1:45 बजे वे जामिया उर्दू के पीछे की मस्जिद से नमाज़ पढ़कर अपनी बेटी को कोचिंग सेंटर से लेने जा रहे थे। एडीएम कंपाउंड के सहारे पहुंचते ही पीछे से आई बुलट सवार दो हमलावरों ने उनकी स्कूटी में टक्कर मारकर उन्हें रोका। इसके बाद पहली गोली पीछे से उनकी पीठ में मारी गई। फिर ताबड़तोड़ तीन गोलियां और मारी गईं। साथ ही दो राउंड हवाई फायर भी किए गए, कुल मिलाकर मौके पर छह राउंड फायर हुए। लाडले को दो गोली पेट-सीने पर, एक कनपटी पर और एक सीधे बाजू में लगी। ताबड़तोड़ फायरिंग से पूरा इलाका दहल गया। लाडले लहूलुहान हालत में वहीं गिर गए।

सूचना मिलते ही इलाका पुलिस और उनके परिचित मौके पर पहुंचे। उन्हें आनन-फानन में ई-रिक्शा के ज़रिए जेएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया, जहाँ उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। एसपी सिटी और सीओ तृतीय ने भी फील्ड यूनिट के साथ घटनास्थल और मेडिकल कॉलेज पर जांच-पड़ताल की। यह घटना अलीगढ़ में बिगड़ती कानून व्यवस्था और व्यक्तिगत रंजिशों के खूनी अंजाम को दर्शाती है।

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