8 साल में आतंकी संगठनों के 142 सहयोगी गिरफ्तार, 230 दुर्दांत अपराधी मुठभेड़ में ढेर

यूपी में बीते आठ वर्षों में आईएस, अलकायदा, आईएसआई और पीएफआई आदि संगठनों से जुड़े आतंकवादियों पर कार्रवाई की गई है और कई आतंकवादी संगठनों के स्लीपिंग मॉड्यूल नेस्तनाबूद किए गए हैं।
लखनऊ। राज्य सरकार ने बीते वर्षों में आतंकवादी संगठनों के कई स्लीपिंग मॉड्यूल (सहयोगियों) के नेटवर्क को नेस्तनाबूद किया है। आतंकियों के नेटवर्क के साथ टेरर फंडिंग, धार्मिक उन्माद, विदेशी घुसपैठ पर भी नकेल कसी है। इस अवधि में पुलिस ने 230 दुर्दांत अपराधियों को मुठभेड़ में ढेर किया और आतंकवादी संगठनों के 142 स्लीपिंग मॉड्यूल को भी गिरफ्तार किया है।
गिरफ्तार होने वालों में से 131 आतंकियों को पनाह देने के साथ गोपनीय सूचनाएं भेजते थे। इसके अलावा टेरर फंडिंग करने वाले 11 स्लीपिंग मॉड्यूल को भी दबोचा है। पुलिस ने जिन आतंकी संगठनों के स्लीपिंग मॉड्यूल को दबोचा है, उनमें आईएस, अल कायदा इंडिया सब कांटिनेंट, जमात उल मुजाहिदीन बांग्लादेश, लश्कर ए तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, हिजबुल मुजाहिदीन, इंडियन मुजाहिदीन, सिमी, पीएफआई, आईएसआई के लिए काम कर रहे थे। एक आतंकी सैफुल्लाह को पुलिस ने ढेर भी किया है।
जाली करेंसी के मामलों में 41 लोगों को गिरफ्तार कर उनके पास से 47.03 लाख रुपये की जाली मुद्रा बरामद की गई है। वहीं, प्रदेश में गैरकानूनी तरीके से रह रहे 173 रोहिंग्या और बांग्लादेशी नागरिकों को एटीएस ने दबोचा है।
धर्मांतरण से जुड़े सिंडिकेट पर भी करारा वार किया गया और 20 से अधिक आरोपियों को गिरफ्तार करने के साथ विदेशी फंडिंग से चल रहे बड़े नेटवर्क का भंडाफोड़ किया गया। एटीएस ने साइबर फ्रॉड और फर्जी नाम-पते पर सिम खरीदने जैसे मामलों में भी प्रभावी कदम उठाए। साइबर फ्रॉड में लिप्त गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए 19 आरोपियों को पकड़ा गया, जिनमें चार चीन के नागरिक और 15 भारतीय हैं।


