गोसेवा हेतु शंकराचार्य से मार्गदर्शन लेने आयेगा काशी का सिन्धी समाज

प्रथम रामा गोधाम का प्रयागराज में स्थापना कर काशी पधारे शंकराचार्य
वाराणसी। प्रयागराज में प्रथम रामा गोधाम का परमाराध्य परमधर्माधीश ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य स्वामि अविमुकेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने कल प्रयागराज में स्थापना किया। इस अवसर पर भारी संख्या में गौभक्त उपस्थित रहे। शंकराचार्य ने उपस्थित गौभक्तों को सम्बोधित करते हुए कहा कि राष्ट्र के समस्त जिलों में रामा गौधाम का स्थापना कर उसमें गौमाता की सेवा की जाएगी।
अगर कोई भी व्यक्ति, संगठन या सरकार गौमाता के सेवा में खुद को असमर्थ पाता है, तो गौमाता को रामा गौधाम पहुंचा सकता है। जहां उनका हर प्रकार से सेवा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि गोविंद के इस भारत भूमि पर जब तक पूर्णतया गौकशी व गौमाता का रक्त गिरना बंद नही हो और गौमाता को राष्ट्र माता घोषित नही किया जाता तब तक गौरक्षा आंदोलन चलता रहेगा।
गौमाता को समुचित सुरक्षा, सत्कार व आदर देकर ही भारत पुनः विश्वगुरु के रूप में ख्यापित हो सकता है। उक्त जानकारी देते हुए शंकराचार्य के मीडिया प्रभारी संजय पाण्डेय ने बताया कि प्रयागराज में प्रथम रामा गौधाम की स्थापना के अनन्तर रामपुर में माता काली व महासरस्वती के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कर वापस काशी पधारने पर सन्तों व भक्तों ने शंकराचार्य का जोरदार स्वागत व अभिनंदन किया।
साथ ही श्री विद्यामठ पहुचने पर भक्तों द्वारा शंकराचार्य का चरण पादुका पूजन कर आरती उतारी गई। वहीं दिनांक 11 जून को बजे 3 बजे केदारघाट के बगल में स्थित श्री विद्यामठ में सिंधी समाज के सुप्रसिद्ध संत साईं जलकुमार मसंद साहिब द्वारा देश विदेश में बसे सिंधी समाज के गौसेवा अभियान से जुड़ने सम्बन्धी एक पुस्तिका प्रकाशित की गई है।
जिसका विमोचन शंकराचार्य के कर कमलों द्वारा सम्पन्न होगा। साथ ही गौसेवा हेतु काशी का सिंधी समाज शंकराचार्य से मार्ग दर्शन प्राप्त करेगा।
