हरिश मिश्रा मामले में विवेचक से कोर्ट ने मांगा स्पष्टीकरण

जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान प्रपत्र न भेजने पर कोर्ट सख्त
हरिश मिश्रा की ओर से उनके अधिवक्ता अनुज यादव ने विवेचक द्वारा जानबूझकर कोर्ट में केस डायरी व अन्य प्रपत्र नहीं भेजने का आरोप लगाया
️ वाराणसी। करणी सेना के लोगों से मारपीट के मामले में समाजवादी पार्टी के नेता हरीश मिश्रा की जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान केस डायरी व अन्य प्रपत्र कोर्ट में नहीं भेजने पर कोर्ट ने शनिवार को सख्त रुख अपनाया। विशेष न्यायाधीश (एससी/एसटी एक्ट) देवकांत शुक्ला की अदालत ने आरोपित हरीश मिश्रा उर्फ बनारस वाले मिश्रा जी की जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान मामले के विवेचक द्वारा केस से जुड़े आवश्यक प्रपत्र और केस डायरी इत्यादी कोर्ट में नहीं भेजने पर विवेचक को व्यक्तिगत रुप से उपस्थित होकर स्पष्टीकरण दिया है।
हरिश मिश्रा की ओर से उनके अधिवक्ता अनुज यादव ने विवेचक द्वारा जानबूझकर कोर्ट में केस डायरी व अन्य प्रपत्र नहीं भेजने का आरोप लगाया था। जिस पर कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए विवेचक से स्पष्टीकरण तलव करते हुए जमानत अर्जी पर सुनवाई के लिए अगली तिथि 21 अप्रैल नियत कर दी।
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बता दें कि बीते 12 अप्रैल को सिगरा थाना क्षेत्र में सपा नेता हरीश मिश्रा उर्फ बनारस वाले मिश्रा जी के साथ करणी सेना के सदस्यों अविनाश मिश्रा और स्वास्तिक उपाध्याय के साथ मारपीट हुई थी। इस मामले में हरीश मिश्रा ने कहा था कि करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने उन पर हमला किया था, जबकि दोनों गंभीर युवकों ने इसे सपा नेता हरीश मिश्रा और उनके समर्थकों द्वरा मारपीट करना बताया था।
इस मामले में हरीश मिश्रा व करणी सेना के दो सदस्य गंभीर रूप से चोटिल हो गये थे। जिसके बाद दोनों पक्षों की ओर से एक-दूसरे के खिलाफ सिगरा थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी। बाद में पुलिस ने सपा नेता हरीश मिश्रा के खिलाफ वीएनएस की धारा-109, 115(2), 191(2) और 352 के तहत कार्रवाई करते हुए उन्हें अस्पताल से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।


