शाहजहांपुर में IAS अधिकारी ने लगाई उठक-बैठक, वकील रोकते रह गए
शाहजहांपुर (पुवायां) : उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में एक ऐसा नज़ारा देखने को मिला जिसने सभी को हैरान कर दिया। पुवायां तहसील परिसर में अधिवक्ताओं के सामने, खुद यहां के सबसे बड़े अधिकारी, उपजिलाधिकारी (SDM) रिंकू सिंह राही उठक-बैठक लगाने लगे। वकील उन्हें रोकते रहे, “रहने दीजिए, रहने दीजिए,” की आवाजें लगाते रहे, लेकिन ईमानदारी और उसूलों के पक्के इस अफसर ने पांच उठक-बैठक लगाकर ही दम लिया। वजह? तहसील के शौचालयों की गंदगी, जिसकी ज़िम्मेदारी उन्होंने खुद पर ले ली।
क्या है पूरा मामला? – घटना की शुरुआत तब हुई जब एसडीएम रिंकू सिंह राही ने एक अधिवक्ता के मुंशी विजय कुमार को तहसील परिसर में दीवार के पास लघुशंका करने पर 20 उठक-बैठक लगवा दीं। इस बात से वकील नाराज़ हो गए और तहसील परिसर में धरने पर बैठ गए। जब एसडीएम वकीलों से बात करने पहुंचे, तो उन्होंने कहा कि नारेबाजी की आवाज़ उनके दफ्तर तक नहीं आनी चाहिए। इस पर वकीलों ने कांवड़ियों के डीजे के शोर का मुद्दा उठाया। बहस आगे बढ़ी और वकीलों ने मुंशी से उठक-बैठक लगवाने और शौचालयों की गंदगी का सवाल खड़ा कर दिया। उन्होंने कहा, “जब शौचालय गंदे हैं, तो कोई लघुशंका के लिए कहां जाएगा?”
बस इतना सुनना था कि एसडीएम रिंकू सिंह राही ने पूरी ज़िम्मेदारी अपने ऊपर ले ली। उन्होंने पूछा, “तहसील में सबसे बड़ा अधिकारी कौन है?” जब लोगों ने जवाब दिया- “एसडीएम,” तो उन्होंने बिना एक पल सोचे खुद ही उठक-बैठक लगानी शुरू कर दी। यह देखकर वहां मौजूद वकील और अन्य लोग सन्न रह गए। तहसील बार अध्यक्ष सुभाष शुक्ला और पूर्व महामंत्री अजय पांडे ने स्पष्ट किया कि किसी भी वकील ने एसडीएम से ऐसा करने को नहीं कहा था, बल्कि सभी ने उन्हें रोकने की भरपूर कोशिश की।
“मुझे कोई शर्म महसूस नहीं हो रही” – एसडीएम रिंकू सिंह राही – इस घटना के बाद एसडीएम रिंकू सिंह राही ने कहा, “वकीलों ने टॉयलेट गंदे होने की बात बताई, इस पर मैंने अपनी ज़िम्मेदारी मानते हुए वकीलों के सामने उठक-बैठक लगा दी। इसमें उन्हें किसी प्रकार की कोई शर्म महसूस नहीं हो रही है।”
कौन हैं IAS रिंकू सिंह राही? 40 करोड़ का घोटाला खोला, 7 गोलियां खाईं – पुवायां के एसडीएम रिंकू सिंह राही का नाम ईमानदारी और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई का पर्याय रहा है। उनका अब तक का कार्यकाल बेहद चर्चित और संघर्षपूर्ण रहा है:
- घोटाले का पर्दाफाश: मुजफ्फरनगर में समाज कल्याण अधिकारी रहते हुए उन्होंने पेंशन वितरण में 40 करोड़ रुपये के बड़े घोटाले का पर्दाफाश किया था।
- जानलेवा हमला: इस खुलासे की कीमत उन्हें अपनी जान पर खेलकर चुकानी पड़ी। 26 मार्च 2009 को बैडमिंटन खेलते समय उन पर हमला हुआ और उन्हें सात गोलियां मारी गईं, जिसमें उनकी एक आंख की रोशनी चली गई।
- संघर्ष और निलंबन: भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी लड़ाई आसान नहीं थी। उन्हें अधिकारियों से धमकियां मिलीं, निलंबित किया गया और यहां तक कि पुलिस ने उन्हें मानसिक अस्पताल भी भेज दिया।
- UPSC में सफलता: इन सब मुश्किलों के बावजूद वे डिगे नहीं। उन्होंने 2022 में दिव्यांग कोटे से यूपीएससी (UPSC) की परीक्षा पास की और आईएएस अफसर बने। मसूरी में ट्रेनिंग के बाद उन्हें शाहजहांपुर में अपनी पहली पोस्टिंग मिली।
भ्रष्टाचार के खिलाफ छेड़ी नई जंग – पुवायां का चार्ज लेने के बाद भी एसडीएम राही अपने सिद्धांतों पर कायम हैं। उन्होंने जनता से अपील की है कि अगर कोई कर्मचारी रिश्वत मांगता है या अभद्र व्यवहार करता है, तो उसका स्टिंग वीडियो बनाकर भेजें, वह सख्त कार्रवाई करेंगे। उन्होंने गांव-गांव व्हाट्सएप ग्रुप बनवाकर लोगों की समस्याएं सीधे उन तक पहुंचाने और उनका समाधान करने का भी ऐलान किया है, ताकि सरकारी योजनाएं बिना किसी बाधा के हर जरूरतमंद तक पहुंच सकें।




