वाराणसी में आरोपों का तूफान, किसकी होगी जीत, वर्चस्व या न्याय?
वाराणसी: धर्म और संस्कृति की नगरी वाराणसी में इन दिनों व्यापारी संगठनों के बीच आरोपों-प्रत्यारोपों का एक ऐसा तूफान उठा है, जिसने आम व्यापारियों और नागरिकों के बीच भय का माहौल पैदा कर दिया है। सवाल यह है कि क्या शहर में व्यापार मंडल की आड़ में कुछ लोग वाकई अवैध वसूली और असामाजिक कार्यों को अंजाम दे रहे हैं, या यह सब सिर्फ वर्चस्व की लड़ाई है?
यूं तो तमाम ऐसे व्यापार मण्डल है जो व्यापारी हितों की रक्षा के लिये प्रयासरत है तो वहीं कुछ ऐसे भी लोग इसी जनपद में है जो व्यापार मण्डल के आड़ में कई नाजायज व असामाजिक कार्यों को करने में भी गुरेज नहीं करते। जिनका मकसद सिर्फ और सिर्फ आम लोगों व व्यापारियों की जेब पर डाका डालना ही रह गया है। जिसके कारण व्यापारी हो या आम जनमानस के अन्दर कहीं ना कहीं एक भय का माहौल व्याप्त है।

वहीं गुरूवार को जनपद के एक व्यापार मण्डल के महिला पदाधिकारी के द्वारा पराड़कर स्मृति भवन के कांफ्रेंस हाल में पत्रकारवार्ता का आयोजन किया गया जिसमें एक संस्था की महिला पदाधिकारी के साथ ही चार अन्य महिलाओं पर भी आरोप लगाये गये तो वहीं वाराणसी व्यापार मण्डल के लोकप्रिय अध्यक्ष अजीत सिंह बग्गा पर लाखों की अवैध वसूली का गंभीर आरोप लगा दिया गया।
वहीं इसी क्रम में जिस संस्था के महिला पदाधिकारी सहित अन्य महिलाओं पर आरोप लगाये गये उनके द्वारा भी अपना पक्ष रखने के लिये रथयात्रा स्थित एक रेस्टोरेंट में पत्रकारवार्ता का आयोजन किया गया। जिसमें तमाम आरोप व प्रत्यारोप का सिलसिला साक्ष्यों के साथ चलाया गया।

फिलहाल बीएम ब्रेकिंग न्यूज दोनो पक्षों की ओर से एक दूसरे पर लगाये गये आरोप व प्रत्यारोप की पुष्टि नहीं करता, परन्तु शासन, प्रशासन से यह अपील जरूर करता है कि लग रहे आरोपों की जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करें, ताकि समाज में शान्ति व्यवस्था बनी रहे।
तो आइये जानते है कि न्यू जन कल्याण सेवा समिति के द्वारा पत्रकारवार्ता में जो आरोप लगाये गये और जिसे प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से उपलब्ध कराया गया है वो इस प्रकार है कि गुरूवार को जनपद के रथयात्रा स्थित राहिल रेस्टोरेंट में आज न्यू जन कल्याण सेवा समिति द्वारा एक विशेष प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। जिसमें संस्था के पदाधिकारियों और पीड़ित महिलाओं ने वाराणसी महिला व्यापार मण्डल की अध्यक्ष सुनीता सोनी और उनके पति राजू सोनी पर गंभीर अनैतिक गतिविधियों व आर्थिक गड़बड़ियों के आरोप सार्वजनिक रूप से लगाए।

उक्त पत्रकारवार्ता में संस्था की सदस्य, महिलाओं ने आरोप लगाया कि सुनीता सोनी और राजू सोनी पार्किंग, रेस्टोरेंट एवं अन्य स्थानों पर जान बूझकर विवाद प्री-प्लानिंग करके खड़ा करते हैं और सामाजिक प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने का प्रयास करते हैं। इनके ऊपर जमीन दिलाने या व्यापार में साझेदारी के नाम पर करोड़ों रूपये हड़पने समेत कई लोगों की आर्थिक सहायता न लौटाने के भी आरोप लगाए गए। पीड़ितों का कहना था कि आरोपित दंपती बाहर से आए व्यापारियों के व्यवसाय में बाधा उत्पन्न करने के अलावा, स्थानीय व्यापारियों को भी धमकी देते हैं। इनके विरुद्ध कई वीडियो व फोटो सबूत प्रशासन को सौंपे गए हैं।
प्रेस वार्ता में यह भी आरोप लगाया गया कि पंचायत, प्रशासन, और कानून का भय दोनों आरोपियों में नहीं है, तथा गुंडा एक्ट लगने के बावजूद इनकी हरकतों में कोई कमी नहीं आई है। पीड़ित महिलाओं ने यह मांग उठाई कि ऐसे आरोपितों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई हो, ताकि भविष्य में कोई भी ऐसा साहस न कर सके।
पत्रकारवर्ता में मौजूद दीपा गौड़, अर्चना सेठ और डॉली चक्रवर्ती समेत कई महिलाओं द्वारा आरोप लगाया गया कि इनके घर-परिवार को गंभीर हानि पहुंचाई गई। आरोप है कि महिलाओं को शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना दी गई एवं उनके घरों में मारपीट करने तक की घटनाएं हुईं।
इस पत्रकारवार्ता में चांदनी श्रीवास्तव, डॉली चक्रवर्ती, निर्मला देवी, सुमन सिंह, अर्चना सेठ, दीपा गौड़, शकुंतला प्रजापति समेत कई पीड़ित महिलाएं मौजूद रहीं। सभी ने अपनी-अपनी समस्याओं को साझा किया तथा त्वरित न्याय की प्राथमिकता पर बल दिया।
वहीं कहा गया कि समाज में ऐसी घटनाएं न केवल महिलाओं के अधिकारों पर प्रश्नचिह्न लगाती हैं, बल्कि व्यापारी समुदाय में भी असुरक्षा का माहौल उत्पन्न करती हैं। पीड़ित महिलाओं व संस्था ने प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप और कार्रवाई की मांग की है।





