मैंने तो सुना है कि संसद भी…’, कोर्टरूम में सिंघवी ने दलील देते हुए ये क्या कह दिया ?

नई दिल्ली। वक्फ कानून (Waqf Law) के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में आज (16 अप्रैल) सुनवाई हुई। कोर्ट में तकरीबन दो घंटे से ज्यादा समय तक इस मामले पर बहस चली।
देश के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना, जस्टिस पीवी संजय कुमार और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच इस मामले पर सुनवाई कर रही है। वक्फ कानून के खिलाफ करीब 70 याचिकाओं पर अदालत सुनवाई कर रही है। कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी जैसे वरिष्ठ वकीलों ने नए कानून को लेकर कोर्ट में सवाल खड़े किए।

आइए पढ़ें कि कोर्टरूम में सिंघवी ने नए कानून के खिलाफ क्या-क्या दलीलें दी? – अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट में दलील दी कि देशभर में 8 लाख वक्फ संपत्तियां हैं, जिनमें से आधी यानी 4 लाख से अधिक प्रॉपर्टी ‘वक्फ बाई यूजर’ के तौर पर रजिस्ट्रर है। सिंघवी ने आगे दलील दी और इस बात को लेकर चिंता जताई कि वक्फ अधिनियम में किए गए संशोधन के बाद इन संपत्तियों पर खतरा उत्पन्न हो गया है।
क्या है ‘वक्फ बाई यूजर’ का मतलब? – यह वह परंपरा है जिसमें कोई संपत्ति लंबे समय तक इस्लामिक धार्मिक या परोपकारी उद्देश्यों के लिए प्रयुक्त होने के कारण वक्फ मानी जाती है, भले ही उसके पास लिखित दस्तावेज या रजिस्ट्री न हो।

वक्फ संशोधन को लागू नहीं किया जाना चाहिए: सिंघवी – सुप्रीम कोर्ट में बहस के दौरान सिंघवी ने मजाकिया अंदाज में कहा कि उन्हें यह तक सुनने में आया है कि संसद भवन की जमीन भी वक्फ की है। उन्होंने कोर्ट से पूछा कि क्या अयोध्या केस में जो फैसले लिए गए, वे इस मामले में लागू नहीं होते? उन्होंने संशोधित वक्फ अधिनियम पर अंतरिम रोक लगाने की मांग की और कहा कि जब तक इस पर अंतिम निर्णय नहीं आता, तब तक संशोधन लागू नहीं किया जाना चाहिए।
अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट से कहा,”यह केस इसका नहीं कि किस-किस याचिका को हाईकोर्ट भेजा जाए। नए कानून के प्रावधान तत्काल की प्रभावी हो गए हैं। इन पर स्टे लगाया जाना चाहिए।”
