बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनुज यादव, नरेश यादव, चंद्रबली पटेल और संदीप यादव ने पक्ष रखा।
वाराणसी: नावालिग किशोरी को बहला-फुसलाकर भगा ले जाने और ज़बरन शादी की कोशिश के एक पुराने मामले में आरोपी को फास्ट ट्रैक कोर्ट (द्वितीय) से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने सुनवाई के बाद आरोपी को जमानत दे दी है।
क्या था पूरा मामला? – यह मामला 18 सितंबर 2015 को वाराणसी के चेतगंज थाना क्षेत्र में दर्ज कराया गया था। वादी (शिकायतकर्ता) ने थाने में प्राथमिकी (FIR) दर्ज कराई थी कि उनकी 16 वर्षीय बेटी 16 सितंबर 2015 को रात 10 बजे बिना बताए घर से कहीं चली गई थी।

जांच और जानकारी मिलने पर वादी को पता चला कि चोपन, ओबरा निवासी सौरभ गुप्ता उनकी बेटी को शादी का झांसा देकर बहला-फुसलाकर भगा ले गया है। यह बात चौंकाने वाली थी कि आरोपी सौरभ गुप्ता पहले से विवाहित हैं और दो बच्चों के पिता भी हैं।
शिकायत में यह भी बताया गया था कि यह पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी सौरभ गुप्ता ने किशोरी को बहला-फुसलाकर ऐसी ही घटना को अंजाम दिया था, जिसके बाद दोनों पक्षों के प्रतिष्ठित लोगों ने मिलकर घर पर समझौता कराया था। आरोपी ने वादा किया था कि वह भविष्य में ऐसी कोई गलती नहीं करेगा, लेकिन इसके बावजूद उसने किशोरी को फिर से भगा लिया।

वादी ने यह भी आरोप लगाया था कि उनकी बेटी घर से कुछ नकद धनराशि भी लेकर गई है। पुलिस ने उस समय मुकदमा दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार किया था और उसे जेल भेज दिया गया था।
कोर्ट से मिली राहत – यह मामला फास्ट ट्रैक कोर्ट (द्वितीय) कुलदीप सिंह की अदालत में चल रहा था। बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनुज यादव, नरेश यादव, चंद्रबली पटेल और संदीप यादव ने कोर्ट में अपना पक्ष रखा।
सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद, कोर्ट ने आरोपी सौरभ गुप्ता को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया। कोर्ट ने आरोपी को 50-50 हजार रुपए के दो जमानती (Sureties) और एक बंधपत्र (Bond) जमा करने पर रिहा करने का आदेश दिया है। इस आदेश के बाद आरोपी को बड़ी राहत मिल गई है।






