मिरिक झील क्षेत्र में सबसे ज्यादा तबाही, 6 अक्टूबर तक ‘रेड अलर्ट’ जारी
दार्जिलिंग। पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले में शनिवार को लगातार भारी बारिश के कारण हुए विनाशकारी भूस्खलन ने भीषण तबाही मचाई है। दार्जिलिंग के मिरिक झील क्षेत्र सहित कई इलाकों में हुए इस कहर में अब तक 17 से अधिक लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, और यह संख्या लगातार बढ़ने की आशंका है। आशंका है कि मलबे में अभी भी दर्जनों लोग दबे हो सकते हैं, जिनकी तलाश में बचाव दल जुटे हुए हैं।
17 से अधिक लोगों की मौत की पुष्टि – उत्तर बंगाल विकास मंत्री उदयन गुहा ने शुरुआती रिपोर्टों के आधार पर मृतकों की संख्या 17 से ऊपर बताई है, वहीं अलग-अलग एजेंसियां अभी भी सटीक आंकड़ा जुटाने में लगी हैं। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) के आंकड़ों में अब तक नौ मौतों की पुष्टि हुई है, जबकि दो लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं।

भूस्खलन से सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्रों में मिरिक झील क्षेत्र, सरसली, जसबीरगांव और धार गांव शामिल हैं। जिला प्रशासन और NDRF इन क्षेत्रों में युद्धस्तर पर बचाव और राहत अभियान चला रहे हैं।
भारी बारिश और फिसलन ने रोका बचाव कार्य – आपदा की भयावहता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि भूस्खलन के कारण कई घर पूरी तरह ढह गए हैं, और मिरिक-सुखियापोखरी मार्ग जैसे महत्वपूर्ण पहाड़ी मार्ग बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं, जिससे दूरदराज के कई गांवों का संपर्क टूट गया है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि लगातार बारिश के कारण इलाका बेहद फिसलन भरा हो गया है, जिससे खोज और बचाव अभियान में भारी बाधा आ रही है। मिरिक के बिष्णुलाल गांव और जसबीर गांव के कई परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है और स्थानीय प्रशासन ने अस्थायी राहत शिविर भी स्थापित किए हैं।
मुख्यमंत्री ने जताया दुख, कारण बताया – पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस भीषण आपदा पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “कल रात उत्तर बंगाल में अचानक 12 घंटों में 300 मिमी से अधिक बारिश हुई, और साथ ही भूटान तथा सिक्किम से संकोश नदी में अत्यधिक पानी का प्रवाह हुआ, जिसके कारण यह आपदा आई।” उन्होंने जान गंवाने वालों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए तत्काल सहायता का वादा किया है।
PM मोदी और राष्ट्रपति ने जताया शोक – देश के शीर्ष नेताओं ने भी इस त्रासदी पर शोक व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मौतों पर ‘गहरा दुख’ व्यक्त करते हुए एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किया। उन्होंने कहा, “दार्जिलिंग और आसपास के इलाकों की स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है। हम प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।” राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी जानमाल के नुकसान पर शोक व्यक्त करते हुए इसे ‘दुखद जनहानि’ बताया और शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना जताई।

मौसम विभाग का रेड अलर्ट जारी – स्थिति को और भी चिंताजनक बनाते हुए, भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने दार्जिलिंग और कलिम्पोंग सहित उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। IMD ने 6 अक्टूबर तक अत्यधिक भारी बारिश का अनुमान जताया है, जिसके कारण अधिकारियों ने आने वाले दिनों में नए भूस्खलन और सड़कों के और अवरुद्ध होने की चेतावनी दी है। लोगों से अपील की गई है कि वे पूरी सावधानी बरतें और सुरक्षित स्थानों पर रहें।





