‘गृह युद्ध भड़काने की साज़िश’ वाले मामले में लंबित प्रार्थना पत्र खारिज़

अदालत में राहुल गांधी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनुज यादव, नरेश यादव और संदीप यादव ने उनका पक्ष रखा

वाराणसी। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को उनके अमेरिका दौरे के दौरान सिक्खों को लेकर दिए गए एक बयान से जुड़े मामले में बड़ी राहत मिली है। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट चतुर्थ/एमपी-एमएलए कोर्ट ने इस मामले में लंबित एक प्रार्थना पत्र को सुनवाई के बाद खारिज़ कर दिया है।

अदालत में राहुल गांधी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनुज यादव, नरेश यादव और संदीप यादव ने मज़बूती से उनका पक्ष रखा, जिसके बाद कोर्ट ने यह अहम फैसला सुनाया।

क्या था पूरा मामला? – दरअसल, यह पूरा मामला बीते वर्ष के सितंबर माह में राहुल गांधी की अमेरिका यात्रा से जुड़ा है। वहां एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कथित तौर पर बयान दिया था कि भारत में सिक्खों के लिए माहौल ठीक नहीं है और उन्हें यह चिंता है कि क्या उन्हें पगड़ी बांधने, कड़ा पहनने और गुरुद्वारा जाने की अनुमति मिलेगी।

इस बयान को लेकर तिलमापुर, सारनाथ के नागेश्वर मिश्र ने आपत्ति जताते हुए न्यायिक मजिस्ट्रेट (द्वितीय) की अदालत में एक वाद दाखिल किया था। मिश्र ने आरोप लगाया था कि राहुल गांधी का यह बयान ‘देश में गृह युद्ध भड़काने की साज़िश’ है।

शुरुआत में, अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एमपी-एमएलए) की अदालत ने इस वाद को सुनवाई के बाद खारिज़ कर दिया था। हालांकि, वादी नागेश्वर मिश्र ने इस आदेश के खिलाफ सत्र न्यायालय में निगरानी याचिका (Revision Petition) दाखिल की थी। सत्र न्यायालय ने इस निगरानी अर्जी को स्वीकार करते हुए अवर न्यायालय को मामले पर पुनः सुनवाई का आदेश दिया था।

अब, कोर्ट ने इस मामले में लंबित प्रार्थना पत्र पर फिर से सुनवाई की और अंततः इसे खारिज़ करते हुए राहुल गांधी को बड़ी राहत दी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *