बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनुज यादव, नरेश यादव, चंद्रबली पटेल और संदीप यादव ने अदालत में अपना पक्ष रखा।

वाराणसी: बिहार से हथियार लाकर अलग-अलग ज़िलों में बेचने के आरोप में गिरफ़्तार दो असलहा तस्करों को वाराणसी कोर्ट से बड़ी राहत मिल गई है। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट/फ़ास्टट्रैक कोर्ट की न्यायाधीश भावना भारती की अदालत ने समर बहादुर सिंह उर्फ़ मोनू सिंह और भोला कुमार को 50-50 हज़ार रुपये की दो ज़मानतें और बंधपत्र देने पर रिहा करने का आदेश दिया है।

इस मामले में बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनुज यादव, नरेश यादव, चंद्रबली पटेल और संदीप यादव ने अदालत में अपना पक्ष रखा।

क्या था मामला?

अभियोजन पक्ष के अनुसार, एसटीएफ के निरीक्षक अनिल कुमार सिंह को एक मुखबिर से जानकारी मिली थी। सूचना के मुताबिक़, जनपद मुंगेर, बिहार में बनी फ़ैक्ट्री मेड पिस्तौलें वाराणसी और गोरखपुर के अपराधियों तक पहुँचाई जाती हैं। इन अवैध पिस्तौलों को वाराणसी और गोरखपुर के आसपास के अपराधियों को बेचा जाता है।

इसी क्रम में, 17 जुलाई 2025 को एसटीएफ को फिर एक सूचना मिली. बताया गया कि पहले भी जेल जा चुके समर बहादुर सिंह उर्फ़ मोनू, जो रामचंदीपुर के निवासी हैं, उनके पास मुंगेर, बिहार से गोविंद नाम के एक व्यक्ति ने अपने आदमी भोला के ज़रिए 16 जुलाई को कुछ हथियार भेजे हैं। ये हथियार आज वाराणसी में किसी को दिए जाने थे।

इस सूचना पर एसटीएफ की टीम ने घेराबंदी की और बावन बीघा रिंग रोड के पास एक गाड़ी को ओवरटेक करके रोका. गाड़ी की तलाशी लेने पर उसमें दो व्यक्ति बैठे मिले। पूछताछ करने पर उन्होंने अपना नाम समर बहादुर सिंह और भोला कुमार बताया। गाड़ी में रखे एक झोले की तलाशी लेने पर उसमें से 4 पिस्तौलें, जिनमें मैगज़ीन लगी हुई थीं, और 3 अतिरिक्त मैगज़ीन बरामद हुईं। पूछताछ के बाद, उनके ख़िलाफ़ लालपुर पांडेयपुर थाने में मुक़दमा दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया गया था। अब अदालत ने इस मामले में दोनों आरोपियों को ज़मानत दे दी है।

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