वाराणसी : गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और वाराणसी में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। इस स्थिति से निपटने के लिए पुलिस और प्रशासनिक अमला पूरी तरह से अलर्ट मोड पर आ गया है। आज, पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल और मंडलायुक्त एस. राजलिंगम ने नमो घाट से वरुणा-संगम तक के सभी संवेदनशील घाटों का बोट से निरीक्षण किया और सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के निर्देश दिए।

निगरानी टीमें और 24×7 एक्टिव कंट्रोल रूम – बाढ़ की स्थिति पर पैनी नजर रखने के लिए प्रत्येक थाने पर एक डेडीकेटेड टीम बनाई जा रही है। ये टीमें जलस्तर बढ़ने की स्थिति में किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहेंगी। इसके साथ ही, पुलिस कंट्रोल रूम 24×7 एक्टिव रहेगा। किसी भी प्रकार की सहायता के लिए आम जनता से 112 पर कॉल करने की अपील की गई है।
जल पुलिस की बोट पेट्रोलिंग और पब्लिक अनाउंसमेंट – जलभराव वाले क्षेत्रों में जल पुलिस लगातार भ्रमणशील रहेगी और बोट पेट्रोलिंग के जरिए स्थिति पर नजर रखेगी। सुरक्षा के मद्देनजर, छोटे बोट के संचालन पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है। लोगों को सतर्क करने और सही जानकारी पहुंचाने के लिए पब्लिक अनाउंसमेंट सिस्टम (मुनादी) का भी प्रयोग किया जा रहा है, ताकि नागरिक सुरक्षित रह सकें।
अफवाहों पर लगाम और एनडीआरएफ की तैनाती – प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि अफवाह फैलाने वालों पर कड़ी नजर रखी जाएगी। सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों पर बाढ़ से जुड़ी अफवाह फैलाने वालों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा, संवेदनशील स्थानों पर एनडीआरएफ की टीम के साथ-साथ स्थानीय थाने की पुलिस टीम भी तैनात रहेगी ताकि किसी भी अनहोनी से तुरंत निपटा जा सके।
इस निरीक्षण के दौरान अपर पुलिस आयुक्त (कानून-व्यवस्था एवं मुख्यालय) शिवहरि मीणा, पुलिस उपायुक्त काशी जोन गौरव बंशवाल व अन्य अधिकारीगण भी मौजूद रहे। वाराणसी प्रशासन और पुलिस यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं कि बाढ़ की स्थिति में नागरिकों को सुरक्षित रखा जा सके और किसी भी आपातकाल से प्रभावी ढंग से निपटा जा सके।





