अभियुक्त की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक शंकर तिवारी और उनके सहयोगी संजय पटेल व आशुतोष पाठक ने पैरवी की।
वाराणसी। यूपी कॉलेज छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष प्रशांत कुमार पांडे को आज एक महत्वपूर्ण मामले में बड़ी राहत मिली है। अपर सत्र न्यायाधीश-13 / विशेष न्यायाधीश गैंगस्टर एक्ट, वाराणसी ने जाली और कूटरचित दस्तावेज बैनामा लेने के मामले में उनकी अग्रिम जमानत याचिका स्वीकार कर ली है।
यह मामला 19 जून 2025 को रोहनिया थाने में दर्ज किया गया था। वादी सुनील कुमार सिंह, बीरेंद्र सिंह, अजय कुमार सिंह और अरविंद सिंह ने एक प्रार्थना पत्र देकर आरोप लगाया था कि सह-अभियुक्त अनिल कुमार सिंह ने उनके पिता के जीवित रहते ही उन्हें मृत घोषित कर दिया। इसके बाद, अनिल कुमार सिंह ने धोखाधड़ी से तहसील में खुद को पिता रघुनाथ सिंह का वारिस घोषित कर नामांतरण करा लिया और उस जमीन का मालिक बनकर उसे सुभाष चंद्र यादव को बेच दिया।
आरोप के अनुसार, सुभाष चंद्र यादव ने उसी जमीन को अभियुक्त प्रशांत पांडे को बेच दिया। जब इस पूरे फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ, तो प्रशांत पांडे ने उस जमीन को बृजेश कुमार राय और पूजा राय को बेच दिया। इस प्रकार, सभी ने मिलकर कथित तौर पर फर्जीवाड़ा किया है।
न्यायालय ने अपने जमानत आदेश में प्रशांत पांडे को बैनामे का सद्भावी क्रेता (bona fide purchaser) मानते हुए उन्हें अग्रिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया। उन्हें 50,000 रुपये के व्यक्तिगत बंध-पत्र और समान धनराशि के दो प्रतिभू (गारंटर) गिरफ्तार होने की दशा में प्रस्तुत करने पर रिहा किया जाएगा।
अभियुक्त की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक शंकर तिवारी और उनके सहयोगी संजय पटेल व आशुतोष पाठक ने पैरवी की। यह मामला वाराणसी में काफी चर्चा का विषय बना हुआ है, और इस अग्रिम जमानत से प्रशांत पांडे को फिलहाल बड़ी राहत मिली है।





