अदालत में बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनुज यादव, नरेश यादव, रोहित यादव और संदीप यादव ने पक्ष रखा

वाराणसी: पुरानी दुश्मनी के चलते हुए प्राणघातक हमले और छेड़खानी के एक गंभीर मामले में आरोपित दो सगे भाइयों को कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। प्रभारी सत्र न्यायाधीश की अदालत ने उन्हें अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है।

50-50 हजार के बंधपत्र पर मिली रिहाई – यह मामला जंसा थाना क्षेत्र के राखी नेवादा गांव का है, जहाँ के निवासी आरोपित अमरनाथ यादव और लालजी यादव को अदालत ने अंतरिम जमानत दी है। कोर्ट ने दोनों आरोपितों को 50-50 हजार रुपये के दो बंधपत्र (Bonds) देने पर रिहा करने का आदेश दिया। साथ ही, उनकी नियमित जमानत पर सुनवाई के लिए अगली तारीख 23 अक्टूबर तय की गई है।

अदालत में बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनुज यादव, नरेश यादव, रोहित यादव और संदीप यादव ने मज़बूती से पक्ष रखा।

क्या था पूरा मामला? – अभियोजन पक्ष के अनुसार, राखी नेवादा, जंसा निवासी वादी शशिकांत यादव ने जंसा थाने में इस संबंध में प्राथमिकी (FIR) दर्ज कराई थी।

आरोप था कि 24 जून 2018 को सुबह करीब 8:30 बजे जब वादी अपनी जमीन पर ईंट गिरवा रहा था, तभी पुरानी रंजिश के चलते विपक्षी अमरनाथ यादव, लालजी यादव समेत शिवशंकर यादव, रविशंकर यादव, सुजीत यादव और सुनील यादव एक समूह बनाकर वादी के घर के दरवाजे पर पहुँचे। उन्होंने माँ-बहन की भद्दी-भद्दी गालियाँ दीं और लाठी-डंडों से हमला करना शुरू कर दिया।

बीच-बचाव के लिए वादी के भाई ऋषिकांत यादव, माँ सविता देवी, पिता राजेंद्र प्रसाद यादव के साथ मुरली यादव और दलसिंगार यादव पहुँचे, तो हमलावरों ने उन्हें भी बेरहमी से पीटा।

घर में घुसकर छीनी चेन, बहन के साथ छेड़खानी – आरोप के मुताबिक, जब वादी की माँ सविता देवी बचने के लिए घर के अंदर गईं, तो हमलावर घर में घुस गए और उनके गले से सोने की चेन छीन ली। जब माँ को बचाने के लिए बहन सुषमा यादव आगे आईं, तो आरोपियों ने उनके साथ गाली-गलौज की और छेड़खानी की।

इस हमले में वादी के पिता, भाई, मुरली यादव और दलसिंगार यादव के सिर पर गंभीर चोटें आईं थीं। पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर आरोप पत्र (Chargesheet) कोर्ट में पेश कर दिया था। इस मामले में दोनों आरोपितों ने कोर्ट में समर्पण कर जमानत के लिए अर्जी दी थी, जिस पर अब उन्हें अंतरिम राहत मिल गई है।

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